naat lyrics in urdu pdf download
बच्चों का दुख है सीने में, फ़िक्र-ए-हरम भी है
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ملتا ہے تیرے در سے زمانے کو فیض عام دنیا کے بادشہ بھی اسی در کے ہیں غلام تیرا غلام وہ کہ جو شاہوں کو بھیک دے نسبت نے دے دیا ہے بلندی کا...
ऐ संग-ए-अस्वद ! तेरा मुक़द्दर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
देखा सफ़ा भी मरवा भी देखा, रब के करम का जल्वा भी देखा
میرا کون ہے؟ سوائے تم ہی کو؟ اے! پیارے نبی (صلى الله عليه وسلم)
ज़ाइर-ए-तयबा तू मदीने में प्यारे आक़ा से इतना कह देना
या हुसैन इब्न-ए-'अली ! या हुसैन इब्न-ए-'अली !
“five behtareen English naatein” ke barey mein faraham kardi hui malumaat ki behtareen shahadat yehi hai ke naatein hamari deeni warasat ka aham hissa hain.
मैं तूफ़ान के दरमियां हूँ और आंधी चल रही है
मुन्किर ! ये तेरा बुग़्ज़ है मीलाद-ए-नबी से
While in the commencement of language, poetry is the initial step. People today talk through poetry. Naat may be the time period of poetry by which poet praise the Holy Prophet Muhammad (P.
आज महफ़िल में जितने हाज़िर हैं, मिल के सारे सलाम कहते हैं
ऐ ज़हरा के बाबा ! सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए कहीं मर न जाए तुम्हारा गदा मदीना बुला लीजिए सताती है मुझ को, रुलाती है मुझ को ये दुनिया बहुत आज़माती है मुझ को हूँ दुनिया की बातों से टूटा हुआ मदीना बुला लीजिए बड़ी बेकसी है, बड़ी बे-क़रारी न कट जाए, आक़ा ! यूँही 'उम्र सारी कहाँ ज़िंदगानी का कुछ है पता मदीना बुला लीजिए ये एहसास है मुझ को, मैं हूँ कमीना हुज़ूर ! आप चाहें तो आऊँ मदीना गुनाहों के दलदल में मैं हूँ फँसा मदीना बुला लीजिए मैं देखूँ वो रौज़ा, मैं देखूँ वो जाली बुला लीजे मुझ को भी, सरकार-ए-'आली !